अयोध्या में राम लला झूले में विराजमान हुए। Ayodhya Ram Mandir | Royal Ambience Swing

10 months ago

अयोध्या में राम लला झूले में विराजमान हुए। Ayodhya Ram Mandir | Royal Ambience Swing

जोधपुर: अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर का लोकार्पण हो चूका है। वहां पर अभी कई प्रकार की धार्मिक गतिविधियां चल रही है। इनमे एक प्रकिया है मंडलोत्सव, जो मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की अगले दिन से शुरू हुई और १० मार्च २०२४ तक चलेगी। इसमें रामलला की चांदी की मूर्ति को शाम चार बजे पालकी में बिठाकर मंदिर की परिक्रमा कराई जाती है। परिक्रमा के पश्चात रामलला झूले में विराजित होते हैं । यह कार्यक्रम श्री श्री विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामी जी पेजावर मठ एवं राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्टी के निर्देशन में दो घंटे तक मंत्रोचार व धार्मिक गतिविधियां चलती हैं। और रामलला के आशीवार्द से मंडोलोत्सव की प्रक्रिया वाला झूला भेजने का अवसर जोधपुर हेंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री में झूला बनाने की फैक्ट्री रॉयल अम्बिएंस को प्राप्त हुआ। 


    देवी सिंह जी की हेंडीक्राफ्ट फैक्ट्री रॉयल अम्बिएंस से उनके पुत्र अजय पाल सिंह राठौड़ ने बताया कि उनके पास ट्रस्ट के माध्यम से उडुपी के एक्स- MLA रघुपति भट्ट द्वारा सूचना आई कि उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध झूले को मंदिर ट्रस्ट ने पसंद किया हैं। पहले तो उनको विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन फिर कन्फर्म हो गया कि यह कॉल मंदिर से ही है तो ख़ुशी से फुले नहीं समाये। दिल से आदेश को स्वीकार किया और अपने सभी कर्मचारियों की टीम को दो - तीन दिन के लिए इसी काम में लगाकर झूले को बेहतरीन तरीके से तैयार करवाया। स्वयं सहपरिवार साथ में जाकर झूले को अयोध्या प्रांगण में स्तापित करवाया। दो दिन वहां रह कर राम जी की सेवा एवं पूजा पाठ का आनंद लिया।

 

       जोधपुर हेंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री कई वर्षो से लगन औऱ इमानदारी के साथ काम कर रही हैं। इतने वर्षों की मेहनत के परिणाम स्वरूप हमे प्रभु श्री राम की सेवा का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ l अयोध्या ट्रस्ट ने जोधपुर हेंडीक्राफ्ट इंड्रस्टी पर विश्वास करते हुए तीन दिन के शार्ट नोटिस के अंदर झूला अयोध्या पहुंचाने का मौका दिया और हम उनके विश्वास पर खरे उतरे। ये सौभाग्य मात्र रॉयल अम्बिएंस का ही नहीं बल्कि पूरे जोधपुर हेंडीक्राफ्ट का है कि हमें इस पावन कार्य में अपना भी छोटा सा योगदान देने का मौका मिला। 

  

झूला कैसे सेलेक्ट हुआ

अयोध्या राम मंदिर में ४८ दिन का मंडोलोत्सव प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन से शुरू किया गया। इसमें रामलला की चांदी की मूर्ति को शाम चार बजे पालकी में बिठाकर मंदिर की परिक्रमा कराई जाती हैं। उसके पश्चात प्रांगण में मंच पर विराजमान किया जाता था । इसके बाद दो घंटे तक वहां मंत्रोचार व धार्मिक गतिविधियां चलती हैं। यह कार्यक्रम श्री श्री विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामी जी पेजावर मठ एवं राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्टी के निर्देशन में हो रहा है। जिसमें प्रभु राम की पूजा अर्चना के लिए झूले की आवश्यकता थी। उडुपी के पूर्व विधायक रघुपति भट्ट जी की गुरु जी से बात हुई। देशभर से अलग-अलग झूला बनाने वाली कंपनियों के झूले देखे गए। सौभाग्य से जो झूला पसंद किया गया वह जोधपुर स्तिथ Royal Ambience की वेबसाइट(www.royalamb.com) से था और उन्हें अर्जेंट में झूला चाहिए था और जो भी बेहतरीन उपलब्ध है उस में से ही लेना था ताकि बिना विलंभ पूजा पद्धति का कार्यक्रम झूले में हो सके। तब हमने फैक्ट्री के सभी लोगो को 2 से 3 दिन के लिए फैक्ट्री के बाकी सारे काम छोड़ कर झूले की बेहतरीन पॉलिश, फिनिश, कुशनिंग और पैकिंग के काम में जी जान से लगा दिया। और तुरंत अयोध्या के लिए रवाना किया गया और उसके साथ-साथ हम भी वहां सहपरिवार पहुंच गए। और झूला समय पर पंहुचा कर गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त किया। जोधपुर हेंडीक्राफ्ट इंड्रस्टी धन्य हो गयी जो इस तरह की सेवा का मौका मिला। 

मंडोलोत्सव क्या है -

अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर के गर्भग्रह में विराजमान है। मंदिर के प्रांगण का वातावरण व औरा शुद्ध व दैविक बनाये रखने के लिए प्रभु श्री रामलला की बाल्य अवस्था वाली छोटी चांदी की मूर्ति को पालकी में बैठा कर मंदिर परिसर की परिक्रमा के पश्चात झूले में बैठाकर मंत्रोउच्चारण के साथ आरती की जाती है। यह पूजा पद्धति २३ फरवरी से शुरू है और १० मार्च तक चलेगी जिसे मंडोलोत्सव कहते है। 

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